छत्तीसगढ़ी कहानी-बोकरी अउ भेड़िया । Cg kahani-bokri au bhediya:2021

Kamal markam
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     छत्तीसगढ़ी कहानी-बोकरी अउ भेड़िया । Cg kahani-bokri au bhediya:2021 

chattisgarh  में कहानी बताने और सुनने की जो परम्परा है बहुत पुरानी है। लोग पुरने जामने  से ही कहानी सुनते और सुनाते आ रहे है. आप सभ को अपने बचपन याद होगा साम होते ही दादा जी के चारो ओरे बैठ मजेदार कहानी सुनते थे।  आप लोगो के बचपन को याद दिलाने  लिए  पेश है chhttisgarhi कहानी-बोकरी अउ भेड़िया। 


छत्तीसगढ़ी कहानी-बोकरी अउ भेड़िया । Cg kahani-bokri au bhediya:2021


एक गांव में डोकरी रहिस ओ  ह एक ठक बोकरी पोसे राहये। डोकरी ह बोकरी ल रोज चारा चरे बार ढील देवय। बोकरी रोज दोसरा के भखरी  में जा के  हालांकन करे. सब डोकरी ला गारी दे ला चालू कारिन। डोकरी ह रोज गारी ला सुन के ताँगेगे। डोकरी ह बोकरी ल जंगल म छोड़ के आ गे। 


बोकरी जंगल म एक थान माडा म रहे ल चालू क्र दिस। अउ कुछ दिन बाद वो ह तीन थान पिलवा जनम दिस। बोकरी रोज चारा चारे बर बहुत दूरिया जाये। पिलवा मन दरवाजा ल भीतर ले ढाक दे। जब बोकरी चारा ले के आए ता दरवाजा म काहये-

बोकरी माई आये  हावो अउर हरियर हरियर चारा लाये हव......... 



छत्तीसगढ़ी कहानी-बोकरी अउ भेड़िया । Cg kahani-bokri au bhediya:2021


त  अतका में बात ला सुन के पीला मन दरवाजा ला खोल दे। बोकरी अनलो चारा ला खा ले. एक दिन के बात हे भेड़िया ह घूमत घूमत जाट रहैए।  भेड़िया ह बोकरी ला देखिस ता रूकिस अउर बोकरी के माडा  के तीर मा लुक के ओमन  के बात ला सुनत रहिस। बोकरी चारा ले के अइस अउ दुवार में कहे लगिस बोकरी माई  मै  अये  हरियर चारा लाये हो। बोकरी के पीला मन कपाट ला ओघड़ दिन और कहरा ला कह लीन।  ये सब ला देखत भेड़िया है बोकरी के पीला माँ ला खाए बर सोचत लगिस।
जब बोकरी ह चारा ले बर जिस ता भेड़िया ह ओखर माडा म अइस अउ कथे- बोकरी माई मैं अये हो अउ हरियर हरियर चारा लाने  हो... 




छत्तीसगढ़ी कहानी-बोकरी अउ भेड़िया । Cg kahani-bokri au bhediya:2021


पीला मन ला भेड़िया के आवाज ह दोसरा लगिस त मन ला सक होगे। पीला मन कहथे तोर हाथ ला कपाट के छेद मेर ले दिखा तभ कपाट ला खोलबो। भेड़िया ह कपाट के छेद रहा ले अपन हाथ ला दिखईस त ओकर करिया रंग ला देख ले पीला मन कपाट ला नई खोलइन । 
भेड़िया अब का करय ? कुछ सोचिच अउ तिर म लगे गॉव म जा के पिसान ल हाथ म लपेट के आ गे। पिसान के सेती ओखर हाथ ह सादा सादा दिखे लगिच अब फेर माड़ा मेर आके कहिथे
बोकरी माई मैं अये हो अउ हरियर हरियर चारा लाने  हो...
अब पीला मन दरवजा ला खोल दिन। भेड़िया है पीला मन ला खा लिस अउ दुरिया जंगल म जा के सूत गे। 
   
बोकरी ह आ  के दिखेंस ता माडा म ओखर पीला मन नई राहये। अस खोजिस तबहूँ ले घालक पता नई कर पाइस ता बाद में पता चलिस की भेड़िया ह ओकर पइका मन ला खा लिस.
अब बोकरी ह अपन दुनो सींग ला पथरा म धार करिस अउ भेड़िया ले लड़े
बर चल दिस दुनो बिच खूब लड़ाई होइस बोकरी ह भेड़िया के पेट ला चिर के अपन तीनो पीला मन ला वोखर पेट ले निकालिस।


शिक्षा - इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है की कोई कितना भी कमजोर क्यू न हो यदि आत्म बल और अपनो पर बन आये तो किसी का भी सामना कर सकता है. चाहे वह कितना भी ताकतवर क्यों न हो 


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